Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: संपादक की पसंद
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
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Very nice poem, wow
बहुत ही अनुपम रचना की है सर
बहुत खूब
कवि के कोमल हृदय की भावनाएं दृष्टिगत हो रही हैं इस कविता में, जो लोग सक्षम हैं ,उनसे भी ग़रीबों की मदद करने को कहा गया है
बहुत सुंदर शिल्प और भाव लिए कुंडलिया छंद की बहुत सुन्दर रचना
अत्यंत उम्दा कुंडलिया छंद की रचना, वाह
अति सुन्दर रचना