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माखनचोर
मात हमारी यशोदा प्यारी,सुनले मोहे कहे गिरिधारी नहीं माखन मैनु निरखत है,झूठ कहत हैं ग्वालननारी। मैं तेरो भोला लला हूँ माता,मुझे कहाँ चुरवन है आत…
“हमरी अरज सुनि लीजै ओ छठी मैया”
अवधी देवीगीत:- ‘छठ पूजा स्पेशल’ ***************** ओ छठ मैया ! हमरी अरज सुनि लीजै… सात बरस मोरे ब्याह को होवै ललनवा तरसे मोर अंगनवा ओ…
मनुज अब सुमिरन करता है
श्रीराम हरो पीड़ा मनुज अब सुमिरन करता है। जहां तहाँ फैली महामारी, दुखी हुई प्रजा यह सारी, दूर करो रजनी अंधियारी, सुमिरन करता है, मनुज…
पर्यावरण के दोहे
पर्यावरण बचाइए, हे मानव समुदाय सुख समृद्धि शांति, का है जो पर्याय नदिया पर्वत वन और, वन्य जीव समुदाय मानव दानव से हमे, कोई लेव…
प्रकृति और पर्यावरण
प्रकृति और पर्यावरण मानव आज हो रहा है, आज स्वार्थ प्रधान प्रकृति और पर्यावरण का, नहीं है किसी को ध्यान प्रकृति ही देती है सबको,…
बहुत सुन्दर
पर्यावरण संरक्षण पर सुंदर अभिव्यक्ति
बहुत सुंदर