Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
इस बार की नवरात्री
इस बार घट स्थापना वो ही करे जिसने कोई बेटी रुलायी न हो वरना बंद करो ये ढोंग नव दिन देवी पूजने का जब तुमको…
वफादारी
वफादारी देश हित में कुछ काम करो भारत मां को जंजालों से आजाद करो अपने विचारों से योगदान करो करके श्रम देश में सहयोग करो…
जवां धडकनो को धड़कने दो यारों
//ग़ज़ल// जवां धडकनो को धड़कने दो यारों। जरा आशिकी औऱ बढ़ने दो यारों।१ महकता रहे गुल चमन प्यार का ही, फि़जा रुत सुहानी बहकने दो…
मुझको पिलाओ यारो…..
आज फिर जी भर के मुझको पिलाओ यारो, मैं तो झूमा हूँ, मुझे और झुमाओ यारो.. आज इतनी पिलाओ कि फिर होश न रहे, अब…
Sahi👌
Nice
वर्तनी अशुद्ध है परंतु भाव पूर्ण रचना
👏👏
सुंदर पंक्तियां