Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
फिर से सतयुग भू पर लाओ
विधी न्याय संकल्प प्रलापित, किंतु कैसा कल्प प्रकाशित? दुर्योधन का राज चला है, शकुनि पाशे को मचला है। एकलव्य फिर हुआ उपेक्षित, अंधे का साम्राज्य…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-13
इस दीर्घ रचना के पिछले भाग अर्थात् बारहवें भाग में आपने देखा अश्वत्थामा ने दुर्योधन को पाँच कटे हुए नर कंकाल समर्पित करते हुए क्या कहा।…
सुंदर
धन्यवाद
good one devesh ji
Thank you neha ji
Good
Thanks
Welcome sir
Good
Thanks
सुन्दर
धन्यवाद
सुन्दर रचना
धन्यवाद
Superb
Thanks