Categories: शेर-ओ-शायरी
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बूंद बूंद बूंदें।
बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बरसती है , आंखों से मेरी । तूने क्यों की रुसवाई , जज्बातों से मेरे। बूंद बूंद…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
सावन
फुलवारी संग महकता सावन बाबगीयो मे खिलता सावन फल की मिठास जैसा सावन पवन संग उभरता सावन पतझड का है मौसम सावन चिडीयो का है…
एहे बरस के सावन मे (भोजपुरी गीत)
सावन में सावन में, एहे बरस के सावन मे आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं एहे बरस के सावन मे सावन में सावन में , एहे……………………………………..…
एक बूंद मुस्कराहट
तुमे शायद पता नहीं, एक दिन चुपके से मैने, चुरा ली थी तुमारे होठों से, एक बूंद मुस्कराहट। कई दिन छुपा के रखता रहा, कभी…
Good
स्त्रीलिंग का प्रयोग ध्यान रखकर किया कीजिये
बाकी सुन्दर रचना
Nice
रचना