पयाम आया है
महफ़िल में तेरे आने का पयाम आया है।
हर ज़ुबान पर बस तेरा ही नाम आया है।
सब कि नज़रें टिकी रही, तेरी ही राह पर,
तेरी निगाहों से बस मुझे सलाम आया है।
पढ़ती रही सारी बज़्म, तेरे हुस्न पे ग़ज़लें,
तेरी ज़ुबां पर बस मेरा, कलाम आया है।
तेरे हुस्न के चरचे होती रही दबी आवाज़,
मेरे पहलू में देख तुझे, कोहराम आया है।
सादगी की कद्र तो है, कद्रदानों के सदक़े,
मेरी सादगी पर तुझे, एहतराम आया है।
देवेश साखरे ‘देव’
आशिकाना
सही फरमाया
महफ़िलो का dor h
शायरों को चाहिए क्या और है
Bahut khub
शुक्रिया
सुन्दर रचना
धन्यवाद
Wah
Thanks
वाह
Thanks
Nice