Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अभी बाकी है
https://ritusoni70ritusoni70.wordpress.com/2016/08/12 जीने की लय में, अभी सरगम बाकी है, बारिशो के बाद, इन्द्रधनुषी छटा आती है, चकाचौंध रोशनी न सही, अभी झरोखों से किरण आती…
करने को कुछ और “करम” अभी बाकी हैं
टूट चूका हूँ , चाह जीने की छोड़ चूका हूँ ! फिर भी ज़िंदा हूँ क्यूँकि साँसे कुछ “नम” अभी बाकी हैं …! ना जाने…
गज़ल – प्यार की महक |
गज़ल – प्यार की महक | तुम्हारे प्यार की महक अभी बाकी है | दूरिया ही सही तेरी याद अभी बाकी है | रहे जहा…
Nice
Nice
Awesome
Good
सुन्दर रचना