पापा
माँ के लिया बहुत सुना पढ़ा लिखा है सभी ने। कुछ पंक्तियाँ पापा के नाम।
छुटपन से हर रोज पापा मेरे मुझे टहलाने ले जाते रहे,
ऊँगली पकड़ कर मेरी मुझे वो रास्ता दिखाते रहे,
मैं करके शैतानी उनको बहुत सताता रहा,
वो भुलाकर शरारत मेरी मुझे गोद में उठाते रहे,
मैं करके सौ इशारे उनकी राह भटकाता रहा,
वो हर बढ़ते कदम पर मुझे सही बात बताते रहे,
इस सोंच में के मैं उनका सहारा बनूगा,
वो मुझको हर दिन नया पाठ पढ़ाते रहे॥
राही (अंजाना)
nice one
Thanks
Good
Jai ho
Very nice lines for father 👏👏
very nice