Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
ऐसा हिंदुस्तान चाहिए
” ऐसा हिंदुस्तान चाहिए ” जिस मिट्टी में जन्म लिया बस उसका ही सम्मान चाहिए, बन जाए विश्व भी इसका ऋणी बस वैसी ही तो…
रिश्तों के बाजार में अब तो नाते बिकते हैं ।
रिश्तों के बाजार में अब तो नाते बिकते हैं । मात-पिता को छोड़ अब वह सुत प्यारा, अब तो सास श्वसुर के पास रहते हैं…
ब्रम्हास्त्र
एक मित्र ने यही मुझसे ब्रम्हास्त्र की फरमाइश की थी तो जी लीजिये जी पेश है खुद से जो पूछा कि क्या चाहिए दिल…
पैसा बोलता है
( पैसा बोलता हैं.. ) जेब ढीली बाजार में ऑख टके सामान को जी मचले बीच बाजार में बेवस लाचार सम्भाले पैसे हाथ पाव किये…
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धन्यवाद
उत्तम
धन्यवाद
बहुत खूब
धन्यवाद
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धन्यवाद
Waah
धन्यवाद
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