प्यार का इजहार
अरमां हमारे कम नहीं
इरादों में भी दम कम नहीं
रोज सोंचते हैं आज तो कर देंगे
उनसे प्यार का इजहार पर
उनके सामने जाने की हिम्मत नहीं
खिड़की से देखकर खिड़की
बंद कर लेती हूँ
वो भी हमारे प्यार में पागल
कम नहीं
गर हो गई किसी और से शादी तो
इस जहान में रहेगे हम नहीं
मर जाएगे और रोज आएगे सताने
किसी सौतन को उनके पास
आने देगे हम नहीं
कितने भी भूत-प्रेत भगाने के
जतन कर लें वो पर
उनके शरीर को छोंड़कर
जाएगे हम नहीं…
वाह वाह, अतिसुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद
गजब अंदाज़, हा हा हा, क्या शानदार कल्पना है वाह वाह
थैंक्स
हा हा हा प्रज्ञा सौतन की नौबत ही ना आने देना भई ।
बहुत ही शानदार प्रस्तुति
धन्यवाद
अतिसुंदर भाव
Thanks