प्यार के चक्कर मे

प्यार के चक्कर में
मत लिख सैकड़ों कविता,
ये सब तो पूर्व में
कह कर गए हैं सब वियोगी कवि।
तब भी पसीजा क्या कभी
दिल बेवफाओं का।
कलम मत घिस वियोगों पर
नए योगों की रचना कर।
—- डॉ0 सतीश पाण्डेय, चम्पावत,

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