बहुत अमीर है जिन्दगी

बहुत अमीर है जिन्दगी,
लफ़्जो को सलीके से,
बिठाने में वक्त बिताया करती,
गर्मी में सर्दी, सर्दी में गर्मी,
यूँ  विपरीत परिस्थतियों को,
मात देते हुए खेल आगे बढ़ाया करती,
बहुत अमीर  है  जिन्दगी,
न कोई गिला न शिकवा ,
लम्हों पर अपनी हूकूमत जताया करती,
फरमाईशो  से  जुदा,
वो तो फरमाईशो को निभाया करती,
बहुत  अमीर है  जिन्दगी,
चाँदनी रात में हो नौका विहार,
कहकशो से हो दिल की बात,
ऐसे विचारों से मन को बहलाया करती,
जब भी गुलशन में जाती,
पतझड़ हो या बहार,
सबसे यूँ हीं दिल लगाया करती,
बहुत  अमीर है जिन्दगी  ।।

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