Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
हिम्मत कभी ना हारना
जब पास तेरे कुछ ना हो उम्मीद किसी से कुछ ना हो अमावस की रात हो काला घाना अंधकार हो तब खुद को तू सवारना…
रास्ते
त्रिकोण से हैं रास्ते जिस रास्ते तू जायगा, फलित होंगे कर्म वैसे जिस रास्ते तू जायगा -विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-
दुनिया हमारे दम से है …..!( गीत )
दुनिया हमारे दम से है …..! बदले हज़ार बार ज़माना तो गम नहीं, दुनिया हमारे दम से है, दुनिया से हम नहीं …..! क्यूँ फ़िक्र…
Kya baat h