Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
मैं हूँ नीर
मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
ओडिशा यात्रा -सुखमंगल सिंह
यात्रायें सतयुग के सामान होती हैं और चलना जीवन है अतएव देशाटन के निमित्त यात्रा महत्वपूर्ण है | मानव को संसार बंधन से छुटकारा पाने…
बेवजह
कम्बख्त वो हमारे सामने बेवजह ही मुस्कुरा गऐ बेवजह ही हम उनकी बाहोँ में आ गऐ खबर न थी जमाने को इस नए चमन से…
वक्त कटता नहीं
वक्त कटता जा रहा है दीये की लौ भी धीमी हो गई आंखों में नींद नहीं चैन नहीं हम क्या करें यही सोंचते रहे ओर…
कटु सत्य
दिल में कुछ ,जबान पर कुछ नजर आता है अपनों में भी ,शत्रु नजर आता है कुछ पलों की मुलाकात से ,पहचान नहीं सकते किसी…
Waah
Aabhar Apka