बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
कृष्ण ने बाँसुरी बजायी,
राधा के मन में प्रीत जगी ।
सारी दुनिया तम में है सोई,
राधा रानी प्रेम-मगन है खोई ।। (मग्न)
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा, कृष्णा, राधे-राधे,
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, राधे-राधे ।।1।।
राधे-कृष्णा का प्रेम अमर है,
दो देह एक परमतत्व है ।
सबके उर में कृष्ण बिराजे,
राधा-रानी शक्ति स्वरूप है ।।
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, राधे-राधे ।।2।।
कृष्ण की महिमा राधे ही जाने,
राधे की महिमा संत-मुनि गाये,
जो नर संतों की वाणी गुनगुनाये,
वो नर जग में सब सुख पाते ।।
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा, राधे-राधे ।।3।।
गीतकार विकास कुमार
राधा – कृष्ण की बहुत सुंदर कविता
जय श्री राधे
राधा कृष्ण के प्रेम व विरह वेदना की अनुभूति से दूर सुंदर रचना
अतीव सुन्दर