भोजपुरी गजल – जिनगी अब जहर भइल |

भोजपुरी गजल – जिनगी अब जहर भइल |
तोहसे प्यार भइल घाव अब कहर भइल |
खा के धोखा आशिक एहर ना ओहर भइल|
रूप के चाँदनी मे प्यार के आसरा खोजली |
रूप मिलल ना चान इश्क बे डहर भइल |
मासूम चेहरा मे दिल पत्थर कइसे होला |
बेवफा के दगा जिनगी अब जहर भइल |
प्यार कइल केवन कसूर बा बतावा केहु |
टुटल दिल हमार प्यार अब बे कदर भइल|
दिल तोड़ही के रहे सपना देखवलू काहे |
ठुकरा दिहलु हमके तमासा शहर भइल |
कीमत आशिक पत्थर दिल ना जाने कबों |
ना जनलु जिनगी भारती कईसे गुजर भइल|

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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