माँ बनने का सफर (Part 2)

माँ बनने का सफर हर औरत के जीवन का बेहद खूबसूरत सफर है, एक नन्हीं सी जान को नौ माह तक अपने गर्भ में रख पोषण व प्यार के स्पर्श से सींचना मुश्किल तो होता है परंतु इस कोमल सी जान के बाहों में आते ही माँ अपना हर दर्द भूल बैठती है………..
मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जैसे -२ समय बढ़ रहा था मेरी Emotional Feelings और बच्चों के प्रति जो लगाव वो प्रतिदिन कुछ ज़्यादा ही होता जाता है । कभी-२ इतना ज़्यादा हो जाता है कि मुझे बहुत रोना आता है या कभी -२ इतना मन उदास हो जाता हूँ ये सोचकर क्या मैं अपने बच्चे को वो हर खुशियाँ दे पाऊंगी जैसे मेरी माँ ने मुझे दी है
ना जाने हमारे हँसते – खेलते परिवार को किस की बुरी नजर लग गई माना कि ज़िन्दगी में बहुत उतार -चढ़ाव आते जाते है मेरी ज़िन्दगी में बहुत सी Problems आ रही है। और उन समस्या को हल भी कर रही हूँ। मेरी ज़िन्दगी बहुत सी उलझ सी रखी थी कुछ समझ नहीं आ रहा था, एक तरफ ख़ुशी का पल और दूसरी और गम की घटा छाई… गम के आगे ख़ुशी के पल फीके पड़ रहे थे. ज़िन्दगी में इतने उतार – चढ़ाव आ रहे थे कुछ समझ नहीं आ रहा था, हो क्या रहा है हमारे साथ, मेरा भाई को फिर से घुटने की समस्या ज्यादा हो गई थी । घुटनों के दर्द की समस्या का एक तय सा इलाज दिखता है कि Knee यानी घुटनों का (ऑपरेशन) Operation करवा लिया जाए. डॉक्टर भी इसी बात को लेकर ज्यादा जोर देते हैं कि ये सही है, अब मेरा भाई पहले से ठीक है,
अब Checkup & Medicine Regular चल रहा है, मेरी मम्मी, मेरी बड़ी दीदी, Brother’s friend और Manoj Sir ने बहुत साथ दिया कहते है ना मुसीबत के समय जो साथ देता है वही अपना होता है ।
अब यही दुआ है रब से सब कुछ ठीक हो जाए,खुशियों को हमारे घर का रास्ता मिल जाए ।
इतनी मुसीबत और दुखों का सामना करने की हिम्मत मुझे मेरे Hasmukh से मिली, मुझे हर पल एक हमेशा एक अपनापन का एहसास होताहै । ये एहसास ऐसा है, मुझे कमजोर होने नहीं देता है, हमेशा मुझे एक ताकत देता है
जब मेरा 5 महीना चल रहा था और मैं ऑफिस में काम कर रही थी मुझे अचानक से मुझे हल्की ब्लीडिंग शुरू हो गई । मैं डर गई और मन में उल्टे -सीधे विचारों ने मेरे मन में घर सा बना लिया । मुझे ऐसा लगा रहा था कही मैं अपने बच्चे को खो ना दू ।
To Be Continue………….

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