मीठी सी लोरी गाकर सुनाना

अगर मैं रूठूँ
मुझे मनाना,
अगर मैं टूटूँ
मुझे उठाना,
सहारा मेरा बने
मैं तेरा,
यही तो जीवन का है फ़साना।
अगर है दूरी
तो पास लाना,
जरा सा मनुहार से बुलाना,
मीठी सी लोरी गाकर सुलाना,
समय को खुशियों में ही बिताना।

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Responses

  1. अगर मैं रूठूँ
    मुझे मनाना,
    अगर मैं टूटूँ
    मुझे उठाना,
    _______बहुत खूब,अपने साथी से मनुहार करती हुई अति सुन्दर रचना। सुन्दर शिल्प और भावों का अनुपम समन्वय। लाजवाब अभिव्यक्ति

  2. अगर मैं रूठूँ
    मुझे मनाना,
    अगर मैं टूटूँ
    मुझे उठाना,
    सहारा मेरा बने
    मैं तेरा,
    यही तो जीवन का है फ़साना।
    अगर है दूरी
    तो पास लाना,

    प्रेम से अपने साथी को मनाती और वार्तालाप करती हुई रचना

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