मुक्तक

तेरा ख्याल तन्हा छोड़कर आया हूँ!
दीवार-ए-दर्द को तोड़कर आया हूँ!
भूला हूँ मंजिलों को वक्त-ए-सितम से,
यादों की लहर को मोड़कर आया हूँ!

मुक्तककार- #महादेव’

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