Categories: मुक्तक
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
राष्ट्र का नेता कैसा हो?
राष्ट्र का नेता कैसा हो? जो रहें लिप्त घोटालों में, जिनके चित बसे सवालों में, जिह्वा नित रसे बवालों में, दंगा झगड़ों का क्रेता हो?…
न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का
आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…
हमारे नेता
हमारे नेता…. हम भी बहुत मजबूर हैं साहब लात मार घुसा सह रहे हैं साहब गाली सुबह शाम खा रहे हैं साहब क्योंकि हमारे नेता…
Wah
बधाई राम नरेश जी
Theak Jha
Nice
Nice
Nice