मुझे फिर याद आये.
वो राह वो बस्ती, वो घर, वो गलियां ,
वो राह के कांटे , वो फूल और कलियाँ ,
मुझे फिर याद आये..
वो दो दिलों की धड़कन ,वो दोपहर का साथ,
वो शाम का मौसम , हाथो में तेरा हाथ ,
मुझे फिर याद आये
वो बचपनों के खेल, वो प्यार में रुसवाई ,
वो हार में भी जीत , अब याद और तन्हाई,
मुझे फिर याद आये.
…atr
yaado se hi ahsaasa bante he,
yaado se hi zindagi banti he,
or yaado se hi kabhi kabhi
kavita banti he.. 🙂
absltly right.. 🙂
Elegant poetry..wah
thanks a lot bhai…
nice yaar …u write too cool
hmm prhaps .. thanks a lot..
Good
Good
Waah