मुस्कान

उफ़ ये बेरूखी वो तो इक झलक के प्यासे हैं
किस्मत से कमज़ोर हैं मुस्कान भी न पा सके

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दिल का हाल

वों पढ़ लेते हैं आंखों ही आंखों में मेरे दिल का हाल ना बता चाहूं उनको मुझ पर क्या बीता इस साल क्यों ना उनसे…

Responses

  1. बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां कम शब्दों में आपने सब कुछ कह दिया

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