Categories: शेर-ओ-शायरी
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नया साल और मेरा प्यार
नया साल और मेरा प्यार….. अक्सर तेरे ख़्यालों में शाम हो जाया करती थी, अब एक साल और बीत चला तेरे इंतज़ार में, काश कि…
****सोचना भी मत में कमजोर नहीं**
****सोचना भी मत में कमजोर नहीं **** मुझे अपना पसंद का चिकन ब्रियनि खाने की तरह सोच कर खाने की सोचना मत भी मत मेरे करीब…
मोहब्बतें इकरार कर ना सके
मोहब्बतें -इकरार कर ना सके हम हाले दिल बयां उनको कर ना सके वो आए थे हमारे गलियों में हम दरवाजा भी उस वक्त खोल…
कविता : जिस प्यार पे हमको बड़ा नाज था …
जिस प्यार पे हमको बड़ा नाज था क्या पता था वो अन्दर से कमजोर है जिन वादों पे हमको बड़ा नाज था क्या पता था…
दिल का हाल
वों पढ़ लेते हैं आंखों ही आंखों में मेरे दिल का हाल ना बता चाहूं उनको मुझ पर क्या बीता इस साल क्यों ना उनसे…
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियां कम शब्दों में आपने सब कुछ कह दिया
Nice