Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
ओमप्रकाश चंदेल
कविता, गीत, कहानी लेखन
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ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
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भोजपुरी देबी गीत 7 –जय हो माई दुर्गा भवानी | जय हो माई दुर्गा भवानी | तोहरे बा दिहल माई हमरो जवानी | जय हो…
गीत
नौ दिन क कलशा रखले बाडी माई होके शेरवा पर सवार आई जइतु गऊआ हमार चमचम चमकेला बिंदिया ए माई सुनर सुनर पऊआ में लागल…
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shat shat naman
नमन
वाह बहुत सुंदर