मेरे भारत की शान निराली
मेरे भारत की शान निराली,
सुंदरता के क्या कहने
देखो कश्मीर, हिमालय के
ऊँचे – ऊँचे निर्मल पर्वत,
सुंदरता से हैं भरे हुए
भारत माँ के हैं गहने ।
कश्मीर स्वर्ग धरती का है,
औ पर्वतराज हिमालय है,
भारत की रक्षा की दिवार
वह पर्वतराज हिमालय है,
पंजाब व हरियाणा की धरती
गेंहूं पैदा करती है,
उत्तराखंड की देवभूमि
सीमा के रक्षक जनती है,
यूपी – बिहार के बुद्धिमान
भारत की शान कहाते हैं,
दिल्ली दिल की धड़कन है,
गुजरात दूध प्याला है
राजस्थान के किले मनोहर
पूर्वोत्तर भारत की बांह,
मध्य देश की छटा निराली
मुंबई है भारत की जान,
बंगाली चावल की खुशबु
आंध्रा, गोआ के सुंदर तट
तमिलनाडु की कला मनोहर
उड़ीसा की है पुरी सुहानी,
केरल की मलयालम भाषा
सुंदरता के क्या कहने
मेरे भारत की शान निराली
सुंदरता के क्या कहने।
——— डॉ. सतीश पांडेय
बहुत खूब
सादर धन्यवाद सर जी
अतिसुंदर चित्रण
धन्यवाद शास्त्री जी सादर धन्यवाद जी
जय हिंद जय भारत
धन्यवाद जी
शानदार कविता, जय हो मेरे भारत की
भारत की सुंदरता का व्याख्यान करती हुई बहुत सुंदर रचना.. जय हिन्द🇮🇳
धन्यवाद