मैं सबके सामने खड़ा हूँ
मैं सबके सामने खड़ा हूँ,
तुम मुझे जानने की कोशिश तो कर
मैं बतला दूँगा, मैं कौन हूँ
तुम मन से विकार हटा के तो देख ।।1।।
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चलती राहों पे चलके पा सकते हो मुझे
अंदर की आवाज को अगर ना दबाओगे
तो मुझे शीघ्र ही खोज लोगे तुम
मैं वहीं हूँ, जहाँ तुम हो ।।2।।
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दुनिया की भीड़ तुम्हें लाख मारने की कोशिश कर
लेकिन मैं तुम्हें हरवक्त साथ दूँगा
तु मेरा नाम जिह्वा से सिद्ध करके तो देख
मैं सबके सामने खड़ा हूँ ।।3।।
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कवि विकास कुमार
सुंदर
वाह