मैं
दिन रात शराब पी कर तंग आ गया हूँ मैं। बेवफा की नशा उतरता ही नहीं क्या हो गया हूँ मैं।। कभी इश्क़ से कोसो दूर रहा करता था मैं।आज इश्क़ के गुलाम बन कर रह गया हूँ मैं।। कभी न कोई गम था न कोई दर्द था आज़ाद पक्षी था मैं। किसी ने चलाया ऐसा तीर घायल हो गया हूँ मैं।। दिल की महफ़िल में आज अकेला रह गया हूँ मैं। कौन हूँ मैं, क्या हूँ मैं बस यही सोच रहा हूँ मैं।।
Nice
Thanks
अतिसुंदर
Nice
यथार्थ तथा भावपूर्ण अभिव्यक्ति
https://youtu.be/J46l2nu4gWQ
अमित जी यह मेरा वीडियो है प्लीज देखकर बताइए कैसा लगा
वीडियो कैमरे की ऐंगल से शुरू से अंत तक मीडियम शाट का प्रयोग हुआ है। तारीफ़ ए क़ाबिल है। दृश्य व गीत के बोल भी बहुत ही सुन्दर है। मुझे काफी पसंद आया।
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका