Categories: मुक्तक
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# समाप्त धारा 370
खुशियों की डंका बजा दिया। इनकी तो लंका ढहा दिया।। हो सकते हैं अपने भी, अब सेब के बागान। डल झील में तैरता, होगा अपना…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कविता : मोहब्बत
नदी की बहती धारा है मोहब्बत सुदूर आकाश का ,एक सितारा है मोहब्बत सागर की गहराई सी है मोहब्बत निर्जन वनों की तन्हाई सी है…
O dunia ke rakhwale
ओ दुनिया के रखवाले तूने क्या खूब ये दुनिया बनाई, सूरज बनाया तूने चंदा बनाया, तारे बनाए तूने सितारे बनाए, अंबर ये नीले नीले तूने…
जहाँ बसाते चलें
कुछ पाना हमारा मकसद न हो देने की लत खुद को लगाते चलें जीवन हमारा यह रहे न रहे दूसरों का जहाँ चलो बसाते चले…
Nice
Good
Nyc
वाह