मोहब्बत का नशा है

किसी को मोहब्बत का नशा है
किसी को दौलत का नशा है
किसी को वर्चस्व का नशा है
किसी को दारू का नशा है
किसी को शोहरत का नशा है
किसी को वफा का नशा है
हमें किसी का नहीं बस
कलम का नशा है।

Related Articles

दौलत

कोई ज़मीं बेचता, कोई आसमां बेचता । दौलत के नशे में चूर, ये ज़हां बेचता । कब परवान चढ़ा, मोहब्बत मुफ्लिशी का, दौलत मोहब्बत का…

Responses

New Report

Close