यदि तेज की तलाश हो तो अपने वीर्य को गंदी जगहों पे निवेश करने के बजाय उसे एक सही दिशा दें तो आप ब्रह्मचारी कहलाने के योग्य होंगे ।। जय श्री राम ।।
संतरूपी कविजन आप हमारी खामियाँ को पढ़कर हमे खूब कोसे खूब परेशान करे, अच्छी बात है लेकिन कोई व्यक्ति इस संसार में किसी भाषा का पूर्ण ज्ञाता नहीं होता । वैसे आज कवियों की भरमार लगी है दुनिया में, लेकिन कवि का काम लिखकर कुछ कमाना और सांसारिक झूठी ऐश्वर्य प्राप्त करता नहीे होता, बल्कि शिक्षक और कवि समाज का दर्पण होता है । वैसे गर्व की बात है कि हमारे देश में संतकवि कबीर, तुलसी, कालि, रहीम और मीराबाई जैसी महान विभूति हुये ।
।। सादर प्रणाम ।।
हमे माफ करते रहियेगा । यही आप कविजन से हमे आशा ।।
।। खूब परेशान कीजिये, कमेंट में बकलोली जैसी महान शब्द लिखिये और कमजोर व्यक्ति को आत्महत्या के पथ पे पहुँचायेगी ।।
पहुँचायेगा ।।
जो लिखेगा उससे गलती होगा ही,
विकास जी आप लिखने में बहुत गलतियां करते हैं यकीन मानिए हम सभी गलतियां करते हैं आत्महत्या का विचार लाना भी गलत होगा क्योंकि एक कवि समाज के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत होता है इस मंच पर सभी श्रेष्ठ कवि आपकी खामियों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं आप उन्हें आलोचक ना मानकर अपना गुरु समझ सकते हैं और ना भूले की आलोचना ही लोचनओं में उठने के लायक बनाती है
कमियां बताने वाले ही सही मायने में अपने होते हैं
गैरो को क्या पङी
वो तो बातें बनाया करते हैं
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सहमत होने हेतु सादर आभार
विकास जी। गलती में ही सही का निवास है।आप गलती पे गलती करते रहे। एक न एक दिन अवश्य ही गलती पे सही भारी पड़ने लगेगा।
सहमत होने हेतु सादर आभार
“बिहार के हैं इसलिए वर्तनी में अशुद्धि है”,
कहना न्यायसंगत नहीं ।
वैसे अभिव्यक्ति पे पाबंदी भी नहीं ।