Categories: मुक्तक
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
गुनहगार हो गया
सच बोलकर जहाँ में गुनहगार हो गया, लोगों से दूर आज मैं लाचार हो गया। जो चापलूस थे सिपेसालार बन गए, मोहताज़ इक अनाज़ से…
सब पे कृपा करते हैं राम
जय श्री सीताराम ————————— सब पे कृपा करते हैं राम सबका जीवन सँवारते हैं राम जिसका न कोई संगी न साथी उसका सहायक है राम…
निर्मल मन को भाते हर लोग है ।
निर्मल मन को भाते हर लोग है । चाहे वो नर गोरा हो या काला । इन्हें रंग भेद आता नहीं । इसलिए ऐसे लोग…
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