राष्टीय एकता के दोहे

शक्कर पानी ज्यों घुले, ऐसे घुलमिल देश
शर्बत पी लें शांति का, यह भारत संदेश
भारत है एक बाग सा, कई प्रजाति के फूल
औ माली भगवान् हैं, सींच रखे अनुकूल
भाषाए होंगी अलग, होंगे अलग विचार
क्रिस्मस होली ईद सब, भारत मां त्योहार
भारत महिमा गा गए, स्वामी विवेकानंद
भारत महिमा को सुना, विश्व हुआ मुख बंद

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

कोरोनवायरस -२०१९” -२

कोरोनवायरस -२०१९” -२ —————————- कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी…

Responses

  1. राष्ट्रीय एकता पर बहुत ही प्यारी पंक्तियां लिखी हैं आपने

+

New Report

Close