(लेख) नारी

आज नारी के पास क्या नहीं है। फिर भी पुरुष उसे अपनों से कमजोर ही समझ रहे है।जबकि,आज हमारी सरकार नारी के प्रति तरह तरह के शिक्षा दे कर पुरुष के मुकाबले में खड़ा करने का प्रयास कर रही है। यहाँ तक कि नारी प्रधान कई फिल्में भी बनी। अनेक साहित्यकार कलमें भी चलायी। सरकार नारी को नौकरी में आरक्षण भी दिया। नारी बखूबी मेहनत करके आई पी एस, जिला कलेक्टर, प्रोफेसर, पायलट व डाक्टर भी बन कर ज़माने को दिखा दी। फिर भी नारी को सही हक़ आज तक समाज में नहीं मिला। बलात्कार जैसे घीनौने हरकतें आज भी हो रहे है। नारी के इतिहास पर यदि हम गौर करें तो युगों युगों तक नारी पुरुष के अधीन ही रही है। इसका प्रमाण हम रामायण व महाभारत से ले सकते है। रामायण में एक बार रावण मंदोदरी से कहता है “ढोल शूद्र पशु नारी। यह सब है ताजन के अधिकारी”।। यह कथन इस युग के लिए सोचनीय है। महाभारत में दुर्योधन द्रोपदी को भरी सभा में वस्त्र हरण तक करवा दिया। इस तरह के कई उदाहरण हमारे ग्रंथ में देखने को मिल ही जाते है। आज भी हम पुराने ग्रंथ के अनुसार ही चलने का प्रयास करते है। नारी को कहीं भी उच्च स्थान नहीं मिला । मिला भी है तो भी आज नारी सुरक्षित क्यों नहीं है? यह हमारे देश की दुर्भाग्य है जो ,नारी पुरुष के संग कदम पे कदम मिला कर चलने के बावजूद भी उसे हवस के नजरों से आज भी देखा जा रहा है।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

Responses

    1. प्राचीनकाल से आधुनिक काल तक नारी की स्थिति का वर्णन आपने किया और साथ ही मौजूदा समस्याओं पर भी नजर दौड़ाई…
      सोंचनीय तथा प्रशंसनीय लेखन

+

New Report

Close