Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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बहुत उम्दा
सादर धन्यवाद प्रज्ञा जी
बहुत ही लाजबाब
सादर आभार जी
बहुत खूबसूरत अलफाजो में अपने अकेलेपन की पीङ बयां करना
कविता के भाव तत्व को समझने हेतु हार्दिक धन्यवाद।
कवि ने अपनी तन्हाइयों का दर्द बहुत ही दिल को छू देने वाले अंदाज़ में बयां किया है। आपका लेखन वास्तव में काबिले – तारीफ़ है।
…….. कलम को मेरा सलाम है सर ।
आपके द्वारा बहुत ही सुन्दर समीक्षा की गई है। हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ
🙏🙏
बहुत अच्छी पंक्तियाँ
सादर धन्यवाद
Nice
Thanks ji
Nice lines
Thank you ji
बहुत बढ़िया
बहुत सारा आभार प्रज्ञा जी