शायरी

किसी के इश्क़ में जगती है तू तेरे नैन कहते हैं

किसी ने कुछ नहीं समझा मगर तुझे हम समझते हैं

यहाँ सब लोग कहते हैं कि तू चंदा सी रोशन है

मगर चंदा की बैचेनी सितारे कब समझते हैं ।।

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

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