Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-9
दुर्योधन भले हीं खलनायक था ,पर कमजोर नहीं । श्रीकृष्ण का रौद्र रूप देखने के बाद भी उनसे भिड़ने से नहीं कतराता । तो जरूरत…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
आखिर मैं भी तो जग का हिस्सा हूं
कोई मेरी व्यथा क्यों समझता नहीं, मैं भी प्यासा हूं,मेरे लिए कोई पानी रखता नहीं। बढ़ रही उमस इतनी,और धूप कितनी तेज है, पानी के…
#_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है
#_मेरा_वाड्रफनगर_शहर_अब_बदल_चला_है _______**********************__________ कुछ अजीब सा माहौल हो चला है, मेरा “वाड्रफनगर” अब बदल चला है…. ढूंढता हूँ उन परिंदों को,जो बैठते थे कभी घरों के…
वाह वाह बहुत खूब
Thanks
वाह
Thanks
बहुत खूब
Thanks
Wahh
Thank
वाह बहुत सुंदर रचना
Thanks
Wah