Categories: गीत
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संजना
सावन में ए सखी, खनके क्यों कँगना। कोयलिया गीत सुनाए ,क्यों मेरे घर अँगना।। बार बार दिल धड़काए, प्यास जगाए। जाने क्या करेगी, मेरी नादान…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
व्यंग्य —- पूंछ पुराण
व्यंग्य …………………………………… ****** पूंछ— पुराण (समग्र)****** कभी देखा है ;आपने , ऐसा कुत्ता ! जो ; देखने में हो छोटा–सा मगर;पूंछ उसकी लंबी हो यानि…
बरसा के बदरिया
भोजपुरी गीत – बरसा के बदरिया | बरसा के बदरिया मे पनिया पडेला राम | ये मोर सजना तनी चलता बुनिया मे नहाए | ये…
बहुत ख़ूब
बहुत खूब
अच्छा