सच की ही सत्ता है
जो सोचते हैं
कि उन्होंने
सच को भागने पर मजबूर कर दिया
अब झूठ के सहारे फिर
बुलंदियों पर चढ़ जायेंगे
वो भूल जाते हैं कि
सच सच है
सच की ही सत्ता है,
एक सच्चा मजबूर हो जाता है,
तो
सच समाप्त नहीं हो जाता है।
सच दूसरे सच्चे को मुखर कर
झूठ का मुकाबला करने फिर लौट आता है,
झूठ की नकाब उतर ही जाती है…
उतरती रहेगी
वाह जी वाह! क्या बात है!
सादर धन्यवाद
सच के बारे में प्रकाश डालती हुई बहुत सुंदर रचना
सादर आभार
,सुन्दर
सादर धन्यवाद ji