सुबह

मुस्कुराहट
प्रकृति की
सुबह सुबह दिखती है
उठो जागो
जाग भी जाओ कहती है।
साथ में चिड़ियों की
चहचहाहट भी
संगीत की लय में रहती है।

Related Articles

आह्ववाहन

देश वासियों जागो, जागो जागो जागो, इतने बलिदानों से आजादी जो पाई, मूल्य उसका पहचानो, जागो,जागो,जागो। बीत गया जो काल कठिन था,। मुश्किल था रहना…

जागो हे भरतवंशी

जागो हे भरतवंशी अलसाने की बेर नहीं । सहा सबकी साज़िशों को,करना है अब देर नहीं ।। शालीनता की जिनको कदर नहीं,विष के दाँत छिपाये…

Responses

  1. प्रातः काल की बेला का बहुत ही सुन्दर चित्रण प्रस्तुत किया है कवि पीयूष जी ने अपनी कविता में। बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

+

New Report

Close