सैनिक बनने का दम भरता है
सूनी- सूनी सङको पर सैनिक बनने का दम भरता है ।
सेना में भर्ती होने का हर जन में स्वप्न सलौना पलता है ।।
तात हमारे कैसे माँ, अपने पैरों पर चलकर ना आए
क्या सचमुच धन्य वही है जो सीमा पर प्राण गवा जाए
जान हथेली पे लेके क्यू, देश का प्रहरी चलता है
सेना में भर्ती होने—-
माँ मेरे हाथ अभी छोटे हैं पर तू इनमें पिस्तौल थमा
मुझको वो हरियाली वाली खाकी फौजी ड्रेस दिला
माँ के उजङे मांग देख,ढाढ़स की लाली भरता है
सेना में भर्ती होने—–
मजबूत जिगर जिस माँता का वो एक सैनिक जनती है
कोई किस्मत वाली ही फौजी की पत्नी बनती है
हम जैसों के तप से ही यह भारत चैन से सोता है
सेना में भर्ती होने—-
मेरे आखों का तारा ,पुत्र तू है बङा हिम्मतवाला
देश की रखवाली का जिम्मा,पिता ने तुझपे है डाला
सरहद पर मिटने वाला ही सच्चा वारिस कहलाता है
सेना में भर्ती होने—–
क्या रखा है कोरी बातों में,बंदुक थमा इन हाथों में
बहुत हुआ अब और नहीं,दिवा स्वप्न की बेर नहीं
साम्राज्यवादियो की नीति हरदम मुझको सलता है
सेना में भर्ती होने——
सुमन आर्या
अति उत्तम🇮🇳
बहुत-बहुत धन्यवाद,उत्साहवर्धन के लिए ।
अतिसुंदर रचना
बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने हमेशा मेरी रचनाओ को पढ़ा और उत्साहवर्धन किया ।
कविता अच्छी है।
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
जय हिन्द , बहुत खूब
जय हिंद ।धन्यवाद ।
देश प्रेम से ओत प्रोत कविता में वीर रस की प्रधानता है, “स्वप्न सलौना” “मजबूत जिगर जिस” आनुप्रासिक तारतम्यता है, वाह
देशभक्ति से ओतप्रोत तथा हर युवा के ह्रदय की देशभक्ति को उजागर किया गया है