हसींन चेहरे

बर्बाद कर बैठ जाते हैं अक्सर वो चेहरे हसीन होते हैं,
पर अंधेरों की सरपरस्ती में ही वो खुद का वजूद लिए होते हैं,
अब क्या बद्दुआयें दें हम उन आइना ऐ हुस्नों को,
जो अपनी ही रूह का अक्सर अक्स लिए होते हैं॥
राही (अंजाना)

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Responses

    1. धन्यवाद क्रप्या कन्या के ऊपर लिखी मेरी कविताओ को पढ़कर अपने विचार प्रकट करे।

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