हाँ,, मैंने लोगो को बदलते देखा हैं!!

हाँ,, मैंने लोगो को खुद में ही बदलते देखा हैं!!
उनके जज्बाती हम को अहम बनते देखा हैं,
कल तक जो सबको साथ लेकर चलने की बात करते थे,,,
आज उनके खिलाफी ख्वाबो को भी अनाथ होते देखा हैं!!

गलत सोचता था कि नाराजगी,,
होती हैं चाँद लफ्जो की दगावाजी,,
उनके प्यारे सावन से मिलकर जाना,,
ये तो सुनामी की हैं कलाबाजी!!
मगर सुनामी से ही सागर को उझड़गते देखा हैं,,
हाँ,, मैंने लोगो को खुद में ही बदलते देखा हैं!!

तुझे भी दगा देना हैं तो शौक से दे दिल,,
हम तो साँसों से भी काम चला लेंगे,,
घुट घुट कर जी जाऊंगा मैं इतना कि,
सावित्री की याद यमराज को दिला देंगे!!
अधूरेपन से खुद को आबाद होते देखा हैं,,
हाँ,, मैंने लोगो को खुद में ही बदलते देखा हैं!!

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. जो कभी झुकते नहीं थे , प्यार पाने सजदों मे उन्हें झुकते देखा है….
    हाँ , मैंने लोगोँ को ख़ुद में बदलते देखा हैँ…..

    Bht bdia lines hai , bhai …keep it up

+

New Report

Close