हिंदी साहित्यकार एवं आलोचक:- रघुवंश सहाय वर्मा जी
हरदोई के गोपामऊ में जन्मे रघुवंश सहाय वर्मा जी को उनकी जन्मतिथि पर, प्रज्ञा शुक्ला’ की तरफ से शब्दों का सुनहरा गुलदस्ता सप्रेम भेंट:-
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30 जून को जन्मे रघुवंश सहाय जी
जन्मतिथि पर उनकी वंदन नमन करो।
वह दोनों हाथों से अपंग थे पर फिर भी लिखते थे
उनकी बहादुरी का भी तो मनन करो।
हाथों से नहीं वह तो पैरों से लिखते थे
अपनी अपंगता को वह तो ताकत कहते थे।
हाथों में सिर्फ दो ही उंगलियां थी उनके
पैरों को ही हाथ बनाकर वह लिखते थे।
अपनी कृपणता के कलंक को भी मिटा दिया
हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी का भी मनन किया।
साहित्यकार थे वह उत्कृष्ट आलोचक थे
हिंदी विभाग के अध्यक्ष थे वह उद्योतक थे।
महादेवी वर्मा जी के बहुत करीबी थे
समाजवादी विचारधारा के वह तो पोषक थे।।
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