हिन्दुस्तानी फौजी

बदन पर लिपट कर उस घड़ी तिरंगा भी रोया होगा
जब उसने अपने हिन्दुस्तानी फौजी को खोया होगा।
माँ की छाती में भी दूध उतर आया होगा
जब उसने अपने शहीद बेटे को गोद में उठाया होगा।

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