Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
ऐसा क्यों है
चारो दिशाओं में छाया इतना कुहा सा क्यों है यहाँ जर्रे जर्रे में बिखरा इतना धुआँ सा क्यों है शहर के चप्पे चप्पे पर तैनात…
गाँव मातृ-पिता समाज से बना ।।
होत धन के तीन चरणः- दान प्रथम अतिउत्तम है । द्वितीय भोग स्वयं बचाव है । विनाश तृतीय चरण है । होत धन के तीन…
गऊ माता के शुद्ध दूध और उनकी पूजा पर लिखी हुई
बहुत सुंदर कविता
धन्यवाद आपका गीता जी सटीक व सही समीक्षा हेतु
मनुष्य को जीवनरस देने वाली मातृस्वरूपिणी गाय की महत्ता को कविता के रूप में बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया गया है। बहुत खूब
धन्यवाद भाई आपका सुंदर एवं सटीक समीक्षा के लिए
बहुत सुंदर
Tq
बहुत खूब
Tq