“हे भारतीय ! हे सैनिक प्रिय !”
“२६-११ हमले पर भावभीनी श्रद्धांजलि”
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याद है वो २६-११ हमले की घटना
जिसमें हमारे जवान शहीद
हुए थे
कैसे भूलेंगेे हम वो दिन जब
हमारे सैनिक हमसे दूर हुए थे
उन वीरों को प्रज्ञा’ की नम आँखों से श्रद्धांञ्जलि
२६-११ हमले की घटना ना हो फिर कभी..
लड़ना है जिनको आयें वो
शत्रु रण में आगे
टिक पायेंगे ना वो भारतीय वीरों के आगे..
बुज्जदिलों के जैसे करते हैं पीछे से हमला
हम भारतीयों का जिगरा है सिंहों से भी तगड़ा…
हे भारतीय ! हे सैनिक प्रिय !
तुमको प्रज्ञा का नमन है
तुम हो भारत माँ के सच्चे सपूत
तुम-सा ना कोई कल था, ना कोई अब है…
सुंदर भाव में रचती है आपकी बेहतरीन कविता।
बहुत बहुत आभार सर
देश के सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करती हुई कवि प्रज्ञा जी की भाव पूर्ण रचना
आभार आपका हौसलाअफजाई के लिए
बहुत खूब
धन्यवाद