हे भारती आशीष दे मुझको
आज आजादी की शुभ अवसर है ,
हे भारती नमन मेरा आपको है ,
आशीष दें आज आप मुझको ,
घर के दुश्मनों को मिटा सकूँ ,
बाहरी दुश्मनों का संहार कर सकूँ ,
भले मेरा सीना छलनी हो जाए ,
फिर भी दुश्मनों के सर धड़ से अलग कर सकूँ ,
रक्त का हर कण तेरे चरणों में बहा दूँ ,
दुश्मनों के नापाक इरादे को नाकाम कर दूँ ,
भले मेरा मस्तक तेरे चरणों का भेंट चढ़ जाए ,
फ़िर भी मेरा देह दुश्मनों के छक्के छुड़ाते रहे ,
भले ही आत्मा भी देह त्याग दे ,
फिर भी दुश्मनों को धूल चटाता रहूँ ,
जब दुश्मनों का खात्मा कर दूँ ,
अपनी गोद में सर रखने का जगह दे देना ,
आंसू मत बहाना लोरी सुना मेरे आत्मा को शांत कर देना ,
आपके रक्षा में जाने से पहले आशीष दे देना l
Rajiv Mahali
Atisunder
जय हिंद
Thank you
Nice
Thank you