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बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम कोई तुझसे क्या माँगे, तुम किसी को क्या देते हो…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कितने ही ख़्वाब
जितने भी ख़्वाब मेरे झूठ के बहाने निकले, उतने ही सच हकीकत के सिरहाने निकले। जितने दुश्मन मेरे घर के, किनारे थे मौजूद, उतने ही…
राघवेन्द्र त्रिपाठी
हर रास्ता हमसे तंग हुआ, हम फिर रास्ते की तलाश मे निकले , शजरो शजर की चाहत मे रास्ते महज इत्तेफाक निकले । ठहरे जहाँ…
हे राम
जय श्री राम 🙏
हे राम
जय हो