Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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हसीनों की वादियों में
हसीनों की वादियों में बदसूरतों को भी रहने दीजिए, दर्द कितना है फ़िज़ाओं में ज़रा हमें भी सहने दीजिए ! जानते हैं वक़्त है आपका…
प्यार का इज़हार होने दीजिए
प्यार का इज़हार होने दीजिए। गुल चमन गुलजार होने दीजिए। खास हो एैसा ही, कोई पल दे दो, वक्त को हम – राज होने दीजिए।…
दुर्योधन कब मिट पाया :भाग:30
अश्वत्थामा दुर्योधन को आगे बताता है कि शिव जी के जल्दी प्रसन्न होने की प्रवृति का भान होने पर वो उनको प्रसन्न करने को अग्रसर…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-30
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चंदा से सीखो तुम
चंदा से सीखो तुम घना कोहरा छाया चांद ना घबड़ाया बारिश ने धूम मचाई काली घटा घिर आई बादलों के आगोश में छिपकर रात बिताई…
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