इश्कबाज
इश्कबाज पसंद है मुझे,
चाहे इश्क़ में ना पड़ा हूँ कभी,
अल्फाज बह जाते है आशिकी देखकर
चाहे आशिक़ ना बना हूँ कभी
#पंकज
इश्कबाज पसंद है मुझे,
चाहे इश्क़ में ना पड़ा हूँ कभी,
अल्फाज बह जाते है आशिकी देखकर
चाहे आशिक़ ना बना हूँ कभी
#पंकज
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जनाब इश्क़ में पड़ कर देखिये,
आप भी कभी बहक कर देखिए,
इस नशे और मज़े की बात ही कुछ और हैं।।।।
कहते है इश्क गुमराह करता है
मगर हमें तो राह ही इश्क ने दिखाई
Hahahaha…
क्या ह इश्क़ जिसके कहर से डरता है जमाना
कम्बख्त मेरे सब्र के टुकड़ों पे पला है
और जनाब कभी खोल के देखो पन्ने इश्क़ के
इसके नशे में हर आशिक़ जला है ।।?
जलना तो हर परवाने की आरज़ू होती है शमा के आगोश में,
फिर आप क्यों इश्क़ करने से कतरा रहे है,
आँखें मूँद कर पड़ जाये इश्क़ में
या तो आप बदल जायेंगे या फिर आपका लहज़ा।।।
veryyyy niceee
Shukriya
परवाने की क्या बात करती हो आप,
वो तो रोशनी से भी इश्क़ करके जलता रहता है
सुनो, इश्क़ में जीते जी मर जाना पड़ता है,
लेकिन मर कर भी जुर्माना चलता रहता है ??
Good
सुन्दर रचना