होता

काश! मेरे चाहने भर से मेरे पास वो होता ।
खुद से जाग कर के वो मुझी में सो गया होता ।
दौलतें सारे जहाँ की मैं लुटा देता उसी पर गर,
ज़रा सा मुस्करा कर उसने मुझको खरीद लिया होता ॥

निहायती खूबसूरत रूप ना आँखों में बसाया होता ।
नयन अंकित समर्पित भाव, काश! उसने भी पढ़ा होता ।
गौर करता वो भी मेरी बाते, मेरी आदते, फरियादें,
उसने मुझसे तो क्या, खुद से ही प्यार कर लिया होता ॥

लड़कपन मुझ में भर आया, हुआ तहलका-ए-स्वांग ।
लता ने कल्प मन भरमाया, हुआ तहलका-ए-स्वांग ।
सबने खुद को खलनायक माना, पढ़कर किस्सा मुहब्बत का,
मैं उसी किस्से का नायक बन गया, हुआ तहलका-ए-स्वांग ॥

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close